नत मस्तक है
मुझसे पहले
इन भावों पर,
अगर किसी की
कलम चली है
तो उनके चरणो पर
मेरा नत - मस्तक है |
पर भावों पर अगर विरासत बतलायेंगे
नहीं सहूंगा और हज़ारों बार कहूंगा,
इन भावों पर
मेरा भी हक़ है |
और उन्ही भावों पर
मैं भी गीत लिखूंगा
नहीं डरूंगा
नहीं डरूंगा |
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