क्यों अंधेरे मे भटकता देश है


खेत  में बिखरी मिली  चौपाइयाँ
और    दोहे   हैं  पड़े   चौपाल  में
छन्द  मीरा के मिले तुलसी तले
दीप जलते आरती  की थाल  में.

शब्द बसते कण्ठ में रसखान  के
और  दर्शन   सुर   तुलसीदास के
क्यों अंधेरे   में  भटकता  देश  है
वेद  की लेकर  ऋिचायें  भाल में.
-- : बसंत देशमुख  :--   

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